5 अक्तू॰ 2012

Acute Corruption Syndrome

बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में हर साल इस समय एक भीषण बीमारी फैलती है जिसमें हजारों (बढ़ा चढ़ा कर नहीं सच बता रहा हूँ ) बच्चे मर जाते हैं। यह बीमारी है तो एन्सिफेलाइटिस या दिमागी बुखार पर सरकारी स्वस्थ मशीनरी इसे स्वेईकार नहीं करती। जब बीमारी फैलती है तो सरकार मुआवजा दे देती है और विशेषज्ञ भेज देती है। ये विशेषज्ञ सरकारी गेस्ट हाउस में रुकते हैं, स्थानीय स्वस्थ्य अधिकारियों की मेजबानी स्वीकार करते हैं, तर माल खाते हैं और रिपोर्ट बना कर देते हैं की यह बीमारी एन्सिफेलाइटिस नहीं है बल्कि उससे मिलती जुलती है। क्या है पता नहीं फिलहाल नाम की सुविधा के लिए इसे एक्यूट एन्सिफेलाइटिस सिंड्रोम (अर्थात तेज़ एन्सिफेलाइटिस जैसे लक्षण) कह दिया जाता है।
मैंने एक नया शब्द इसी प्रक्रिया से प्रेरणा ले कर ईज़ाद किया है " एक्यूट करप्शन सिंड्रोम" अर्थात करप्शन नहीं बल्कि करप्शन जैसा कुछ क्यूंकी सरकार और राजनेता तो खुद को करप्ट मानते ही नहीं हैं। अब देखिये ना कलमाड़ी और राजा ने पूर्वत फिर अपना काम काज संभाल लिया है। कृपा है भविष्यदृष्टा न्यामूर्तियों की , अब सरकार को कोयला मामले में भी  खोया आत्मविश्वास वापस मिल गया है और कोयला मंत्री, जो अब तक झल्लाए रहते थे आखिरकार कविसम्मेलन में पुरानी बीवी पर चुटकी लेते दिखे। वैसे उनकी चुटकी अब केंद्र सरकार पर खरी उतरती लगती है - राजनीतिक भाषा में इसे Anti-Incombency  कहते हैं।

अनुपम दीक्षित

2 टिप्‍पणियां:

प्रतुल वशिष्ठ ने कहा…

कमाल का कटाक्ष ....

Anupam Dixit ने कहा…

आपके ब्लॉग पर पधारने के लिए धन्यवाद। आपने पढ़ा और सराहा तो लिखना सफल हो गया।