22 जन॰ 2011

कपिल सिब्बल aur kaig

कपिल सिब्बल अब कैग पर पिल पड़े हैं. इनके बयानों से अब उन साजिशों की बू आ रही है जिनके तहत २जी स्पेक्ट्रुम घोटाले बाजों को बचाया जाना है. दरसल सरकार की कार्य प्रणाली साफ समझ में आती है. भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद आरोपी को समय देने के लिए बयानबाजी करो, फिर जांच के आदेश दो, इस बीच आरोपी सभी फाइलें छुपा ले. फिर जाँच एजेंसी अँधेरे में हाथ पैर मारती रहे. इस बीच जब सब निपट जाये तो फिर आरोप लगाने वाले को ही लपेटना शुरू कर दो. वह डिफेंसिव हो जाएगा और बयानबाजी का एक नया दौर चल निकलेगा. लोगों का ध्यान मुख्या बात से हट कर इसी और लग जायेगा और फिर हमारे न्यायालय तो हैं ही मामले को बीसियों सालों तक घसीटने में माहिर सो जनता, मीडिया सब भूल जायेंगे. आरोपी फिर सरकार में शामिल हो कर अपने पुराने पापों को पोंछेगा और नए घोटाले करने को तैयार हो जायेगा.

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